हरियाणा में अस्थायी कर्मचारियों को मिली नौकरी की सुरक्षा
हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा देने के लिए एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया है। 18 नवंबर को हरियाणा विधानसभा में प्रस्तुत इस विधेयक का उद्देश्य 1.20 लाख अस्थायी सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करना है।
विधेयक पर चर्चा और पारित होने की घोषणा 📜
विधानसभा में करीब सवा घंटे तक चली लंबी चर्चा के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधेयक पर अपना जवाब दिया और इसे पारित करने का आग्रह किया। स्पीकर हरविंदर सिंह कल्याण ने सदन से मतदान कराकर विधेयक के पारित होने की घोषणा की।
पूर्व मुख्यमंत्री का समर्थन और वर्तमान सरकार का जवाब 🤝
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को इन अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करना चाहिए। मुख्यमंत्री सैनी ने कांग्रेस विधायकों के उठाए बिंदुओं का जवाब देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्थान हैं और उनके मामले पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, 50,000 रुपये से अधिक वेतन पाने वाले एक्सटेंशन लेक्चरर और इंस्ट्रक्टर के लिए नौकरी की गारंटी देने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
नए विधेयक के लाभ और उद्देश्य 🎯
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि राज्य सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम और आउटसोर्स नीति के तहत लगे 1.20 लाख कर्मचारियों की सेवाएं सेवानिवृत्ति की तिथि तक सुरक्षित करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य से हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा का आश्वासन) विधेयक 2024 लाया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य और पात्रता मानदंड 📋
पात्र संविदा कर्मचारी:
- किसी सरकारी संस्थान में संविदा, तदर्थ या आउटसोर्स आधार पर कार्यरत कर्मचारी।
- 50,000 रुपये प्रतिमाह तक पारिश्रमिक प्राप्त करने वाला।
- संविदा व्यक्तियों की तैनाती नीति, 2022 के अंतर्गत हरियाणा कौशल रोजगार निगम द्वारा तैनात।
- नियत तिथि (15 अगस्त, 2024) को कम से कम पांच वर्ष की सेवा पूरी करने वाला।
नियम और शर्तें:
- सेवा की अवधि में अनुमोदित अवकाश की अवधि भी शामिल होगी।
- संविदा कर्मचारी को 58 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक सेवा का आश्वासन दिया जाएगा।
- केन्द्रीय प्रायोजित योजना के तहत नियोजित कर्मचारी इस अधिनियम के अंतर्गत नहीं आएंगे।